एकादशी व्रत करने से क्या होता है – कैसे करते हैं, नियम, फायदे नुक्सान
इस पोस्ट में हम जानेंगे की एकादशी व्रत करने से क्या होता है और एकादशी व्रत कैसे करते हैं साथ ही जानेंगे की एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए और एकादशी के दिन मरने से क्या होता है.

साथ ही पोस्ट में जानेंगे की एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए और एकादशी व्रत के नियम क्या है. इन सबके बारे में इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे.
Contents
- 1 Ekadashi Vrat Karne Se Kya Hota Hai
- 2 Ekadashi Vrat Kaise Karte Hain
- 3 Ekadashi Ke Din Chawal Kyon Nahin Khana Chahie
- 4 एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए
- 5 एकादशी के दिन जन्मे बच्चे कैसे होते हैं
- 6 Ekadashi Vrat Ke Niyam
- 7 निर्जला एकादशी पर क्या दान करें
- 8 Ekadashi Ke Din Baal Dhona Chahie Ya Nahin
- 9 Ekadashi Ke Din Tulsi Mein Jal Dena Chahiye
- 10 Ekadshi – FAQs
- 11 एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए
- 12 Ekadashi Ke Din Mrityu Hona
- 13 Dev Uthani Gyaras Kab Hai
- 14 Ekadashi Vrat Kaise Kiya Jata Hai
Ekadashi Vrat Karne Se Kya Hota Hai
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार जो भी इंसान एकादशी का व्रत करता है उसके जीवन में कभी कोई परेशानी और समस्यां नहीं आती और उस मनुष्य का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है और धन धान्य से वह सम्रद्ध रहता है.
पुराणों में कहा जाता हैं की एकादशी भगवान विष्णु को अति प्रिय है और जो भी मनुष्य यह व्रत करता है उस पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. इस व्रत को करने से मनुष्य निरोगी बना रहता है. सभी पापों का नाश होता है, जीवन में समृद्धि आती है, धन की कमी नहीं रहती और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Ekadashi Vrat Kaise Karte Hain
अगर आप को एकादशी का व्रत करना है तो आपको इसकी तैयारी एक दिन पहले अर्थात दशमी के दिन से ही कर देना चाहिए. एकादशी के एक दिन पहले मसूर की दाल, प्याज, लहुसन व तामसिक भोजन जैसे: मांस, मछली, अंडा आदि का भोजन भी नहीं करना चाहिए. इस दिन भगवन नारायण (हरि, विष्णु) का ध्यान रखकर एकादशी व्रत का संकल्प करना चाहिए.
एकादशी के दिन सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्य कर्म कर स्नान करे. इसके बाद भगवान नारायण जी की पूजा करें. उन्हें घी युक्त दीपक लगाकर, फल फुल अर्पित करें.
एकादशी के दिन किसी भी प्रकार का अन्न नहीं खाना चाहिए. यह व्रत अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही किया जाता है. अगर आप बिना जल पिए व्रत नहीं कर सकते तो आप केवल फलाहार ले सकते है.
इस दिन सभी बुरे प्राणियों से दूर रहना चाहिए और केवल भगवान नारायण का ध्यान कर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करना चाहिए. एकादशी को रात्रिजागरण का भी विशेष महत्व होता है.
ध्यान रहे जो मनुष्य व्रत नहीं भी करता हो तो उसे इस दिन चावल खाने से बचना चाहिए.
Ekadashi Ke Din Chawal Kyon Nahin Khana Chahie
एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए क्योकि पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से अपने प्राण बचाने के लिए ऋषि मेधा ने स्वयं ही अपनी देह त्याग दी और धरती में समा गए.
कुछ समय के पश्चात चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा का जन्म हुआ, इसलिए चावल और जौ को पुराणों में जीव माना जाता है.
जिस दिन ऋषि मेधा धरती में समायें थे उस दिन तिथि भी एकादशी मानी जाती है. इसलिए चावल और जौ दोनों को जीव रूप में माना जाता है और इनको इस दिन खाने से मना किया जाता है. क्योकि इस दिन जीव हत्या और इनके सेवन से पाप लगता है.
वहीँ ज्योतिषियों के अनुसार चावल में पानी की मात्रा अधिक होती है , क्योकि पानी पर चंद्रमा का अधिक प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से जल चंचल होता है.
अगर आप एकादशी को चावल खाते है तो इसे खाने से आपके शरीर में पानी की मात्रा बड़ जाती है जिसकी वजह से मन चंचल हो जाता है और व्रत के नियमों को पालन करने में दिक्कत हो सकती है.
एकादशी व्रत में मन का पवित्र होना और भगवान के ध्यान लगा रहना बहुत जरुरी होता हैं और चावल इसमें बाधा उत्पन कर सकते है. इसलिए ग्यारस के दिन चावल नहीं खाना चाहिए.
- सपने में सांप देखने से क्या होता है – सपने में सांप का डसना, सपने में काला सांप देखना
- Machhali के बारे में जानकारी – मछली का सपना देखने से क्या होता है
एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए
एकादशी के दिन हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. हमारे शास्त्रों में ऐसी कई तरह की बाते बताई गयी है जो एकादशी के दिन नहीं करना चाहिए. जिनमे से कुछ बाते हम आपको बता रहे है जैसे: इस दिन बाल नहीं धोना चाहिए और ना ही बालो और नाखुमो को कटवाना चाहिए.
अगर आप एकादशी का व्रत करते है तो इस दिन आपको किसी भी प्रकार का भोंजन नहीं करना चाहिए. इस दिन झाड़ू लगाना भी वर्जित माना जाता है क्योकि झाड़ू लगते समय किसी भी सूक्ष्म जीव की मृत्यु होने का खतरा रहता है, और आप से जीव हत्या का पाप हो सकता है.
- गुरुवार का व्रत करने से क्या होता है – कैसे किया जाता है, विधि, नियम, फायदे
- Khajur खाने से क्या होता है – Khajur खाने के फायदे और नुकसा
एकादशी के दिन जन्मे बच्चे कैसे होते हैं
शास्त्रों के अनुसार एकादशी एक बहुत पवित्र तिथि होती है इसे भगवान नारायण का दिन भी कहा जाता है. अगर कोई एकादशी के दिन जन्म लेता है तो वह बच्चा कैसा होगा इसके बारे में हम कुछ बिंदु बता रहे है:
- इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों का मन बेहद ही शांत और निर्मल होता है.
- एकादशी के दिन जन्म लेने वाले बच्चों का मन धार्मिक कार्यो में अधिक लगता है.
- इस दिन जन्मे बच्चें अपने माता-पीता और गुरुजनों का बहुत आदर करते है.
- ये बच्चें विनम्र और ज्ञानी होते है. और समाज में अपने माता-पीता और गुरुजनों का मान बढ़ाते है.
- इस तिथि को जन्मे बच्चें हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते है.
- इनके विचार शुभ होते है और ये सदाचारी भी होते है.
Ekadashi Vrat Ke Niyam
एकादशी व्रत के कुछ नियम होते है:
- एकदशी के दिन बाल व नाख़ून नहीं काटना चाहिए, और ना ही बालों को धोना चाहिए.
- इस दिन कुछ नहीं खाना और पीना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप केवल एक बार फलाहार कर सकते है.
- इस दिन किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए और ना ही झूठ बोलना चाहिए.
- गरीब एवं ब्राहमणों को दान दक्षिणा देना चाहिए.
- भगवान नारायण का ध्यान करना चाहिए.
- झाड़ू नहीं लगाना चाहिए.
- बुरे कामो और बुरे लोगों से दूर रहना चाहिए.
निर्जला एकादशी पर क्या दान करें
निर्जला एकादशी पर आप अन्न दान कर सकते है, कोई छाता, बिस्तर या किसी भी प्रकार के वस्त्र दान कर सकते है. इस दीन इन चीजो के दान करने का विशेष महत्व होता है.
निर्जला एकादशी पर गुड़-चने का दान करना बहुत शुभ एवं लाभदायी माना जाता है. इस व्रत को करने वाले लोग अगर इन सब चीजो का दान करते हैं तो इसका उन्हें बहुत लाभ होता है.
- Butterfly घर में आने से क्या होता है – शरीर पर तितली बैठने से क्या होता है
- उल्लू देखने से क्या होता है – देखना कैसा होता है, शुभ अशुभ, सपना, वाहन
Ekadashi Ke Din Baal Dhona Chahie Ya Nahin
एकादशी के दिन बाल नहीं धोना चाहिए और न ही इस दिन शरीर पर साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन बाल धोना, बाल काटना आदि यह सब नहीं करना चाहिए क्योकि ऐसा करने से भगवन नारायण अप्रसन्न होते है जिससे घर में धन हानि एवं अन्य समस्याएं आ सकती है.
Ekadashi Ke Din Tulsi Mein Jal Dena Chahiye
शास्त्रों के अनुसार इस दिन तुलसी में जल डालना वर्जित होता है क्योकि देवउठनी ग्यारस पर ही माता तुलसी का विवाह भगवान नारायण के शालिग्राम स्वरुप से हुआ था जिसे हम तुलसी विवाह के रूप में भी मानते है.
माता तुलसी प्रत्येक एकादशी को भगवान नारायण के लिए निर्जल व्रत रखती है. इसलिए हमें एकादशी के दिन तुलसी में पानी नहीं डालना चाहिए.
Ekadshi – FAQs
एकादशी के दिन क्या दान करना चाहिए
एकादशी के दिन आप किसी भी भूखे या ब्राह्मण को खाना दान कर सकते है. इसके अलावा भी आप कई तरह के दान कर सकते है जैसे: वस्त्र दान, अन्न दान, गाय का दान, कपूर दान, गुड़ चने का दान आदि.
Ekadashi Ke Din Mrityu Hona
एकादशी के दिन मृत्यु होना बहुत शुभ होता है क्योकि माना जाता है इस दिन मृत्यु होने से आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है और आप मरने के बाद सीधे बैकुंठ में जाते है. आपकों जनम जनम के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और प्रभु के श्री चरणों में जगह मिलती है.
Dev Uthani Gyaras Kab Hai
देव उठनी ग्यारस 4 नवम्बर 2022 को है परन्तु यह ग्यारस 3 नवम्बर को शाम 7:30 पर शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानि 4 नवम्बर को शाम 6:08 पर ख़तम होगी.
Ekadashi Vrat Kaise Kiya Jata Hai
एकादशी का व्रत करने का तरीका और नियम के बारे में हमने ऊपर विस्तार से बताया है. आप उसे पढ़ सकते है.
- Golgappe का आविष्कार किसने किया – Golgappe खाने से क्या होता है
- Pista Badam खाने से क्या होता है – खाने के फायदे और नुकसान
उम्मीद करते है आपको हमारी यह पोस्ट एकादशी व्रत करने से क्या होता है और एकादशी व्रत कैसे करते हैंपसंद आई होगी.
अगर इस पोस्ट से कुछ नया जानने को मिला हो और यह पोस्ट आपके लिए helpful रही हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ share कर दीजिए और इस पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के पूछ सकते है.
- अरंडी के तेल से क्या होता है, कैसे लगाएं, फायदे नुक्सान, Price
- उलटी आंख फड़कने से क्या होता है, महिला पुरुष, शुभ अशुभ समाचार
- अनार का Juice पीने से क्या होता है, फायदे नुक्सान, सही Time
- अंजीर खाने से क्या होता है, अंजीर खाने के फायदे नुक्सान, तरीका
- लौंग खाने से क्या होता है, लौंग खाने के फायदे नुक्सान, TIPs