Typewriter का आविष्कार किसने किया, टाइपराइटर के प्रकार, हिंदी
आज इस पोस्ट में हम जानेंगे Typewriter Ka Avishkar Kisne Kiya और Typewriter Ke Prakar.
साथ ही जानेंगे टाइपराइटर में कितने बटन होते हैं, टाइपराइटर का इतिहास, भारत में टाइपराइटर कब आया, Typewriter Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.
Typewriter Ka Aavishkar Kisne Kiya
सन 1870 में, Rasmus Malling-Hansen ने Typewriter का आविष्कार किया था. वह Typewriter का Patent प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे. इसके साथ ही उन्हें दुनिया में सबसे अधिक Typewriter बनाने वाले पहले व्यक्ति के नाम से भी जाना जाता है. इस Typewriter का नाम Writing Ball था.
जो आजकल के Typewriters से दिखने में बिल्कुल ही अलग है.
Typewriter Ke Prakar
1. Mechanical Typewriter: यह प्राचीन प्रकार के Typewriters होते हैं जो Mechanical Keyboard का उपयोग करके इस्तेमाल किए जाते हैं.
2. Electrical Typewriter: यह Typewriters बिजली की शक्ति का उपयोग करके काम करते हैं. जोकि बाकी Typewriters से कम शोर में काम करते हैं.
3. Electronic Typewriter: इन Typewriters में Electronic Circuit का उपयोग होता है, जिससे टाइपिंग की गति और प्रदर्शन बेहतर होता है.
4. Digital Typewriter: यह Typewriter Digital तकनीक से काम करते हैं. जिनका उपयोग करने के लिए आपको Computer/ Laptop का इस्तेमाल करना होता है.
5. Portable Typewriter: ये Typewriters को कहीं भी आसानी से भेजने के लिए उपयोगी माना जाता है.
6. Word Processing Machine: ये आधुनिक Typewriters होते हैं जो की कंप्यूटर का उपयोग करके काम करते हैं. यह Typewriters अपने आप ही Text Processing की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं.
Typewriter Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain
Typewriter को हिंदी में टंकण-यंत्र कहा जाता है.
Typewriter Ki Khoj Kisne Ki Thi
Rasmus Malling-Hansen ने सबसे पहले Typewriter की खोज की थी.
Typewriter Kya Hai
Typewriter एक Typing यंत्र है जिसका उपयोग करके हम विभिन्न भाषाओं में Printed Typing कर सकते हैं. इसमें एक कीबोर्ड होता है जिसमें अक्षर, अंक एवं विभिन्न चिह्नों के बटन होते हैं. इसका उपयोग पत्रिका, पत्र, डॉक्यूमेंट, रिपोर्ट, लेखन इत्यादि कामों में किया जाता है.
भारत में टाइपराइटर 1955 में आया था. एशिया महाद्वीप में सबसे पहले टाइपराइटर का निर्माण भारत में ही हुआ था.
किसी भी टाइपराइटर में लगभग 90 के आसपास बटन होते है.
टाइपराइटर को हिंदी में टंकण यन्त्र कहते है.
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