Urine Infection क्या होता है, यूरिन इन्फेक्शन के कारण, लक्षण, उपाय
इस पोस्ट में हम जानेंगे Urine Infection Kya Hota Hai और Urine Infection Ke Karan.
साथ ही जानेंगे यूरिन इन्फेक्शन क्या होता है, किस वजह से होता है, यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण, नुकसान, कैसे ठीक करें, घरेलू उपाय इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.
Urine Infection Kya Hota Hai
Urine Infection एक स्वास्थ समस्या है जिसमें Urinary Bladder, Urethra या किडनी में Bacteria या अन्य कीटाणु (जैसे कि Virus, Fungus) की वजह से संक्रमित होते हैं. मूत्र संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं. जैसे कि मूत्र में दर्द या जलन, बार-बार मूत्र करना, मूत्र में बदबू, पेट दर्द इत्यादि.
जब Bacteria या अन्य कीटाणु प्रणाली के रास्ते से मूत्र नलिका में प्रवेश करके वहां Grow करते हैं, तो ऐसे में Urine Infection होता है. यह Infection आपके मूत्राशय, किडनी या अन्य मूत्र प्रणाली के हिस्सों तक फैलता है.
Urine Infection Kaise Hota Hai
1. Bacterial Invasion: जब Bacteria मूत्र नलिका के मुख्य External में प्रवेश करते हैं और फिर Urethra के अंदर जाते हैं. तो यह सबसे आम Urine Infection होता है.
2. Urethra: यूरेथ्रा में किसी पूर्विकृत स्थिति के कारण जैसे सूजन, जलन या चोट की वजह से Bacterial Infection होने की संभावना होती है.
3. किडनी संक्रमण से फैलना: किडनी संक्रमण से मूत्र में Bacteria होते हैं. ये Bacteria मूत्र नलिका के बाहर फैलते हैं, जिससे मूत्र संक्रमण होता है.
4. सुस्त Immune System: यदि किसी रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, तो वह मूत्र संक्रमण से जल्दी संक्रमित होते हैं.
5. Urethra के Exceptional Quality: कुछ व्यक्तियों में यूरेथ्रा की अद्भिन्न गुणवत्ता के कारण उन्हें मूत्र संक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ता है.
6. बहुत ज्यादा या लंबे समय तक Antibiotics का उपयोग करने के कारण, Bacteria Antibiotics के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करते हैं, जिससे मूत्र संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
7. Urethra के रंग: कई बार, Sexual संबंध के दौरान यूरेथ्रा में रंग आता है, जिससे Bacteria के प्रवेश का खतरा बढ़ता है.
Urine Infection Ke Lakshan
1. मूत्र संक्रमण के दौरान मूत्र में दर्द या जलन का अहसास.
2. व्यक्ति को बार-बार मूत्र करने की इच्छा होती है, लेकिन मूत्र कम मात्रा में निकलता है.
3. मूत्र संक्रमण के दौरान मूत्र में बदबू आना.
4. मूत्र का रक्त के थक्के के सामान निकलना.
5. पेशाब में बदलाव होना.
6. पेट दर्द या प्रेशर का अहसास होना.
7. थकान और बेहोशी महसूस होना.
8. बार-बार बुखार, थकान या उबकाई जैसी सामान्य समस्याएँ भी मूत्र संक्रमण के लक्षण हैं.
Urine Infection Kaise Thik Kare
1. डॉक्टर द्वारा निर्देशित दवाओं का सेवन करें. जैसे कि Antibiotics, ताकि Bacteria को खत्म किया जा सके.
2. अधिक पानी पीना Urine Infection को ठीक करने में मदद करता है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को बाहर निकालता है.
3. आपको पूर्ण आराम और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए. इससे शरीर को Infection के खिलाफ लड़ने में उपयुक्त ऊर्जा मिलती है.
4. स्ट्रेस नियंत्रित करने के लिए योग और Meditation करें. यह Infection को ठीक करने में मदद करता है.
5. अपनी साफ़ता का खास ध्यान दें और पेशाब करने के बाद उचित तरीके से सफाई करें.
6. उपचार के बाद, डॉक्टर की सलाह के साथ नियमित चेकअप करवाएं.
7. डॉक्टर की सलाह के साथ ही सुझाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि Cranberry जूस. यह मूत्र संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है.
Urine Infection Ke Gharelu Upay
1. अधिक पानी पीने से शरीर Bacteria को बाहर निकालने में मदद करता है. हर दिन कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीने का प्रयास करें.
2. क्रैनबेरी जूस Urine Infection को ठीक करने और बैक्टीरिया वृद्धि को रोकता है.
3. एक गिलास गरम पानी में आधे नींबू का रस और थोड़ी शहद मिलाकर पिएं. नींबू का रस यूरिन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
4. Holy Basil और अदरक के रस को एक साथ मिलाकर पीने से Bacteria के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है.
5. गरम पानी के Sipsane और Worm Potty का उपयोग करके कमर और पेट के दर्द को कम किया जा सकता है.
6. स्वस्थ आहार खाएं, तेल, मिठाई और Processed खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें.
7. यदि डॉक्टर ने किसी दवा का सुझाव दिया है, तो उसका सही तरीके से सेवन करें.
Urine Infection Ke Karan
1. Bacterial Invasion: जब बैक्टीरिया मूत्र नलिका (यूरेथ्रा) के अंदर प्रवेश करते हैं. तो यहां जाने वाले Bacteria कुछ सामान्य होते हैं, जैसे कि E.Coli .
2. पूर्व विकृत Urethra: Urethra में किसी Predisposed State के कारण जैसे सूजन, जलन या चोट की वजह से Bacterial Infection होने की संभावना होती है.
3. किडनी संक्रमण से फैलना: किडनी संक्रमण से मूत्र में Bacteria होते हैं. ये Bacteria मूत्र नलिका के बाहर फैलते हैं, जिससे मूत्र संक्रमण होता है.
4. सुस्त Immune System: यदि किसी की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो, तो वे मूत्र संक्रमण जल्दी होता है.
5. अन्य संक्रमण: कई बार अन्य संक्रमण, जैसे Gross या गर्भाशय संक्रमण भी मूत्र संक्रमण का कारण बनते हैं.
6. Sexual गतिविधियों का दोबारा उपयोग: यदि Sexual संबंध के दौरान सुस्त Urethra में रंग आए, तो Bacteria का प्रवेश होता है, जिससे मूत्र संक्रमण होता है.
7. Urethra के रंग: कई बार Sexual संबंध के दौरान Urethra में रंग आता है, जिससे Bacteria के प्रवेश का खतरा बढ़ता है.
यूरिन इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए
1. Coffee, Tea, Energy Drinks और सोडा में पाए जाने वाले कैफीन के अधिक सेवन से यूरेथ्रा की आक्रमण क्षमता कम होती है, जिससे इंफेक्शन बढ़ता है.
2. अल्कोहल भी यूरेथ्रा को अस्थिर करता है. जिससे Infection का खतरा बढ़ता है.
3. मसालेदार, तीखे और तले हुए खाद्य पदार्थ यूरेथ्रा को आक्रमणक्षमता को कम करते हैं. जिससे पेशाब करते समय और पेशाब के बाद जलन या दर्द का कारण बनते हैं.
4. अधिक शर्करा/ मिठाई का सेवन करने से Bacteria में वृद्धि को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि बैक्टीरिया शर्करा खुद के आहार में उपयोग करते हैं.
5. कुछ लोग Urine Infection के समय दूध और दैहिक पदार्थों का सेवन करके, इसका उपचार करने का प्रयास करते हैं, लेकिन इससे बैक्टीरिया की वृद्धि होती है और इंफेक्शन को बढ़ाता है.
6. सड़े हुए और कच्चे खाने के साथ सावधान रहें, क्योंकि इससे Bacterial Infection का खतरा होता है.
7. अधिक पका हुआ मांस का सेवन भी यूरिन इंफेक्शन के लिए नुकसानकारक होता है, क्योंकि इससे यूरेथ्रा को अधिक गंदा होता है.
Urine Kya Hota Hai
Urine एक प्रकार का शारीरिक द्रव होता है जो मानव शरीर के अंदर उपस्थित होता है और किडनीओं के माध्यम से उत्पन्न होता है. मूत्र शरीर के सामान्य कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह शरीर के अतिरिक्त पानी, अपशिष्ट पदार्थ और विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए उपयोगी होता है.
मूत्र शरीर में मौजूद जल, विटामिन और खनिजों के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है. साथ ही ये किडनी कार्यों को सहायता प्रदान करके शरीर के अंदर की स्थिति को संतुलित रखता हैं.
यूरिन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल के शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.
बार-बार यूरिन इन्फेक्शन क्यों होता है
1. यदि किसी की मूत्र नलिका पहले से सूजन, चोट या जलन की समस्या से प्रभावित हो, तो वह यूरिन इन्फेक्शन के लिए अधिक प्राकृतिक होता है.
2. किडनी संक्रमण से मूत्र में Bacteria होते हैं, जो उनके यूरेथ्रा में प्रवेश करते हैं और Urine Infection
का कारण बनते हैं.
3. यदि किसी की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो, तो वे यूरिन इन्फेक्शन के खिलाफ कम सुरक्षित होते हैं.
4. सेक्सुअल संबंध के दौरान यूरेथ्रा में रंग आ जाए, तो बैक्टीरिया का प्रवेश होता है, जिससे यूरिन Infection होता है.
5. बार-बार यूरिन इन्फेक्शन के पीछे अन्य कारण भी होते हैं, जैसे कि यूरिन नलिका में अद्वितीय रचना या बिमारियों का इतिहास.
6. कुछ Bacterial Drugs के प्रति प्रतिरोधी होते हैं, जिससे उपचार कठिन होता है और इंफेक्शन फिर से होता है.
यूरिन इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है
सामान्य Urine Infection आमतौर पर 3 से 7 दिनों में Antibiotics दवा की मदद से ठीक हो जाता है. यदि यूरिन इन्फेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है, तो उसके इलाज में अधिक समय लगता है. किडनी संक्रमण का उपचार 7 से 14 दिनों में Antibiotics दवा से ठीक होता है.
Urine Infection Se Kya Hota Hai
यूरिन इंफेक्शन से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लक्षण होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य लक्षण हैं जैसे कि मूत्रमार्ग में जलन व दर्द, पेशाब के साथ ख़ून, पेशाब अक्षमता या जरूरत से अधिक पेशाब, पेशाब में बदलाव, किडनी में दर्द, पेट की बेचैनी, मल की समस्या, थकान इत्यादि.
Urine Infection Ki Tablet
- Trimethoprim/sulfamethoxazole (Bactrim, Septra, others)
- Nitrofurantoin (Macrodantin, Macrobid)
- Fosfomycin (Monurol)
- Cephalexin (Keflex)
- Ceftriaxone
Urine Infection के हल्के लक्षण होते हैं तो वह सामान्यतः इलाज करवाने के 2 या 3 दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं, वहीं कुछ लोगों को 7 से 10 दिनों का वक्त भी लगता है.
Trimethoprim/ Sulfamethoxazole, Nitrofurantoin, Fosfomycin, Cephalexin, Ceftriaxone
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