Haklana या Tutlana किसे कहते हैं, जाने हकलाने के #7 कारण, उपाय

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आज हम आपको इस Article की मदद से बताएंगे Haklana Ya Tutlana Kise Kehte Hain और Haklane Ya Tutlane Ka Kya Karan Hota Hai.

साथ ही हम आपको हकलाने ये तुतलाने से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे कि Haklane Ka Ilaj Kya Hai, Haklane Ki Desi Dawa Kya Hai, Haklane Ki Ayurvedik Dawa Kya Hai इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.

Haklana Ya Tutlana Kise Kehte Hain

जब कोई व्यक्ति अटक-अटक या रुक-रुक बोलता है तो इस स्थिति को हकलाना या तुतलाना कहते है. यह एक प्रकार का Speech Disorder होता है. जिसमें व्यक्ति अटक-अटक एवं किसी भी शब्द को रुक-रुक कर बोलता है. इसमें व्यक्ति एक शब्द को बार-बार कहता है. जिस कारण उसकी आवाज भी खिंचती है.

हकलाने या तुतलाने वाला व्यक्ति जब बात करता है, तब उसका सिर हिलता है और होंठ भी कंपते है. हकलाना या तुतलाना को अंग्रेज़ी में Stammering या Stuttering कहते हैं. हकलाना दो प्रकार का होता है. पहली स्थिति में हकलाना स्वर से संबंधित होता है जिसमें बच्चा पहला शब्द बोलने में अटकता है.

लेकिन बाद के शब्द वह बिना रुककर बोल सकता है. इसका मुख्य कारण Vocal Tract में किसी तरह की समस्या हो सकती है. दूसरी स्थिति में बच्चा किसी एक शब्द पर अटकता है एवं उसी शब्द को बार-बार दुहराता है. इस तरह की हकलाहट के कारण बच्चे कई बार हीन भावना का शिकार होते है.

Haklane Ya Tutlane Ka Kya Karan Hota Hai

1. हकलाने की समस्या Genetics होती है. अगर आपके परिवार में किसी को हकलाने या बोलने में दिक्कत होती है, तो बच्चे में इसके होने की संभावना बढ़ सकती है.

2. दिमागी चोट एवं Emotional Trauma के कारण यह समस्या होती है.

3. 2 से 5 साल के लड़कों में हकलाने की समस्या का जोखिम ज्यादा होता है.

4. जीभ मोटी होना भी हकलाने का कारण होता है.

5. किसी को बोलने वाली मांसपेशियों में खिंचाव होने क कारण यह समस्या होती है.

6. दिमाग में कभी-कभी Oxygen का Circulation ठीक से न हो पाने की स्थिति में हकलाने की समस्या होती है.

7. बोलने वाले अंगों की मांसपेशियों को कंट्रोल करने में दिक्कत होने पर हकलाने की दिक्कत होती है.

Haklane Ka Ilaj Kya Hai

1. Speech Therapy की मदद लें:

इसकी मदद से हकलाने की समस्या को ठीक किया जा सकता है. इसमें Speech Therapist, आपकी भाषा एवं शब्द उच्चारण से संबंधित समस्या को ठीक करने का काम करता है.

2. धीरे बोलने की कोशिश करें:

जल्दी जल्दी या तेज बोलने की बजाएं धीरे बोलने की कोशिश करना चाहिए. आपको अपनी बात को ठीक से बोलना सीखना चाहिए. जिससे सामने वाला आपके शब्द को अच्छे से समझ सके. क्योंकि जल्दी-जल्दी बोलने से हकलाहट बढ़ती है.

इसलिए आराम से Relax होकर बोलने की आदत बनाएँ.

3. बोल-बोल कर पढ़ें:

किसी किताब या अखबार को रोजाना बोल-बोलकर पढ़ें. बोलते समय अपने शब्दों पर ध्यान देना जरूरी है. साथ ही किताब पढ़ते समय किस शब्द के बाद रुकना है इसका ध्यान रखें. जिन शब्दों के बाद रुकना है उसके लिए उस पर निशान लगा सकते है. इससे आप बेहतर तरीके से शब्दों को बोल सकते है.

4. शीशे के सामने बोलने की कोशिश करें:

आप Mirror के सामने खड़े होकर बोलने की Practice कर सकते है. शीशे के सामने खड़े होकर सोचें कि सामने वाला व्यक्ति कोई और है. इसके बाद आप किसी भी विषय पर बोल सकते हैं.

जैसे कि आपका दिन कैसा था, अपने खाने में क्या खाया इत्यादि. आप रोजाना कम से कम 30 मिनट इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं.

5. मन को शांत रखने की कोशिश करें:

जब भी आप सामने वाले को कुछ कहने की कोशिश करें, तो पहले खुद को Relax करके गहरी सांस लें और छोड़ें. हकलाहट के बारे सोचने की कोशिश बिलकुल न करें. बोलते समय केवल अपने शब्दों पर ध्यान दें और बातों के बीच-बीच में थोड़ा रुकने का प्रयास करें.

6. स्वरों का उच्चारण जोर से करें: आपको सभी स्वरों (A, E, I, O, U) का ठीक ढंग से और जोर से बोलने की Practice करना चाहिए. रोजाना इसकी Practice करने से हकलाने की समस्या को कम किया जा सकता है.

Haklane Ki Desi Dawa Kya Hai

1. आवश्यकता अनुसार पानी में हरा धनिया और अमलतास के गूँदे को मिलाकर पीस लें. इसके बाद इस पानी से 21 दिनों तक रोजाना कुल्ला करें. ऐसा करने से जीभ की मोटाई कम होती है, जिससे आपके हकलाने की समस्या दूर हो सकती है.

2. बच्चे को रोजाना 1 आंवला खिलाने से हकलाने की समस्या को कम किया जा सकता है. आप आंवला को छोटा-छोटा काटकर 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें. फिर पानी को छानकर रोजाना इस पानी का सेवन करें.

3. गाय के घी का सेवन करने से हकलाने की समस्या ठीक हो सकती है. आप इसके घी को 1 चम्मच आंवला जूस के साथ मिलाकर खाएं. आप रोजाना खाने से पहले इसका सेवन कर सकते है.

4. भीगे हुए बादाम को सुबह मक्खन के साथ खाएं. इससे हकलाने की समस्या ठीक हो सकती है.

5. 1 गिलास दूध में चुटकी भर काली मिर्च मिलाकर रात को सोने से पहले इसका सेवन करें. आप इसे रोजाना रात को सोने से पहले पी सकते है.

Haklane Ki Ayurvedik Dawa Kya Hai

हकलाने की आयुर्वेदिक दावा के लिए ब्राह्मणी चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं. आप ब्राह्मणी चूर्ण को दूध में डालकर, इसका सेवन रात को सोने से पहले करें. लेकिन डॉक्टर की सलाह पर आप इसका सेवन रोजाना कर सकते है.

ब्राह्मी चूर्ण में भरपूर मात्रा में Antioxidant के गुण होते है जो Neuroprotective पर असर करता है. इसका सेवन से Nervous System से जुड़ी हकलाने की समस्या में आराम मिलता है.

नोट: इन दवाइयों का सेवन डॉक्टर के परामर्श पर करना जरूरी है.

Haklane Ki Dawa Kya Hai

Citalopram (celexa), Clomipramine, Alprazolam इत्यादि हकलाने की दावा में शामिल है.

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