Machis का आविष्कार किसने किया – माचिस कैसे बनती है

इस पोस्ट में हम जानेंगे की Machis Ka Avishkar Kisne Kiya और Machis Kaise Banti Hai साथ ही जानेंगे माचिस में क्या होता है और माचिस की तीली किस पेड़ से बनती है.

Machis Ka Avishkar Kisne Kiya और Machis Kaise Banti Hai

साथ ही पोस्ट में जानेंगे की माचिस की डिब्बी की गाड़ी और माचिस से बम कैसे बनाए. इन सब के बारे में इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे.

Machis Kaise Banti Hai

माचिस की तिली में दो भाग होती है एक तो उसका सिरा और दूसरा वह भाग जिसका उपयोग तिली को पकड़ने के लिये किया जाता है, जो लकड़ी का बना होता है|

माचिस की तिली सामान्यतः आसानी से आग पकड़ने वाली लकड़ियों से बनाई जाती है| सबसे अच्छी माचिस की तिली, अफ्रीकन ब्लैकवुड से बनाई जाती है|

पाप्लर नामक पेड़ की लकड़ी, माचिस की तीली बनाने के लिए एक अच्छी लकड़ी मानी जाती है|

इसके सिरे पर फास्फोरस के मसाले का लेपन होता है| फास्फोरस बहुत ही ज्वलनशील पदार्थ है| माचिस की तिली का सिरा बनाने के लिये उसमे फास्फोरस के साथ-साथ पोटैशियम क्लोरेट, लाल फॉस्फोरस, ग्लू, पिसा हुआ कांच, सल्फर और स्टार्च की मिलावट की जाती है|

माचिस आग उत्पन्न करने के लिये उपयोग की जाने वाली एक बहुत ही सस्ती एवं सुलभ चीज है। भारत में बिहार के पश्चिमी चंपारण में माचिस की फैक्ट्री है|

Machis Ka Avishkar Kisne Kiya

माचिस का आविष्कार सन 31 दिसंबर 1827 में जॉन वॉकर नाम के एक वैज्ञानिक ने की थी| जॉन वॉकर एक ब्रिटिश वैज्ञानिक थे| जॉन वॉकर ने एक ऐसी माचिस की तीली बनाई थी जिसे किसी भी खुरदरी जगह पर रगड़ने पर वह जल जाती थी। लेकिन उस समय माचिस की तिली के कारण कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जिसे बाद में अन्य वैज्ञानिकों द्वारा दूर किया गया| 

उस समय माचिस की तीली पर एंटिमनी सल्फाइड, पोटेशियम क्लोरेट और स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता था तथा रगड़ने के लिए रेगमाल का उपयोग किया जाता था| ऐसा करने पर माचिस की तीली जैसे ही रेगमाल पर रगड़ी जाती थी, तो उससे छोटा-सा विस्फोट होता था लेकिन जलने पर काफी बदबू आती थी|

इसलिये साल 1832 में फ्रांस में माचिस की तीली पर एंटिमनी सल्फाइड की जगह फॉस्फोरस का इस्तेमाल किया जाने लगा| इससे तीली जलने पर आने वाली गंध की समस्या दूर हो गई| 

लेकिन इसके बाद भी एक समस्या का सामना करना पडा वह यह थी की इससे निकलने वाला धुंआ काफी विषैला और खतरनाक होता था|

इसके समाधान के तहत साल 1855 में स्वीडन ट्यूबकर ने दूसरे केमिकल्स के मिश्रण से एक सुरक्षित माचिस बनाई, जिससे माचिस से निकलने वाला धुआं ज्यादा विषैला और खतरनाक नहीं रहा| इसी माचिस का वर्तमान में उपयोग किया जाता है|

माचिस का उपयोग नियंत्रित ढंग से आग पैदा करने के लिये किया जाता है| यह सस्ती और सुलभ होती है|

Machis Me Kya Hota Hai

माचिस बनाने के लिये उपयोग की जाने वाली चीजें:-

  • आसानी से जलने वाली लकड़ी जैसे- पाप्लर नामक पेड़ की लकड़ी|
  • लाल फॉस्फोरस|
  • पोटैशियम क्लोरेट|
  • पिसा हुआ कांच|
  • सल्फर|
  • स्टार्च
  • ग्लू|
माचिस की तीली किस पेड़ से बनती है

माचिस की तिली बनाने के लिये सामान्यतः ऐसी लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है जो आसानी से आग पकड़ लेती है| सबसे अच्छी माचिस की तिली अफ्रीकन ब्लैकवुड से बनाई जाती है| माचिस की तीली बनाने के लिए पाप्लर नामक पेड़ की लकड़ी, एक अच्छी लकड़ी मानी जाती है|

माचिस का सिरा बनाने के लिये, माचिस बनाने के लिये चुनी गयी लकड़ी को Shape में काटने के बाद उस पर फास्फोरस के मसाले का लेपन किया जाता है| फास्फोरस बहुत ही ज्वलनशील पदार्थ होता है| सिरा बनाने के लिये उसमे फास्फोरस के साथ-साथ पोटैशियम क्लोरेट, लाल फॉस्फोरस, ग्लू, पिसा हुआ कांच, सल्फर और स्टार्च की भी मिलावट की जाती है|

कोई भी माचिस को जलाने के लिये खुरदरी जगह होना जरुरी होता है| तिली को खुरदरी जगह पर रगड़ने पर वह जल जाती है। कई बार हम देखते है कि खुरदरा तल गीला होने या तेल लगने से चिकना हो जाता है तब तिली को जलाने के लिए उस तल को हमे जोर से कई बार रगड़ना पड़ता है। उसके बाद भी वह जले ही इसकी कोई गारंटी नही होती है|

Machis Ka Kya Karen

माचिस एक आम घरेलू सामान है| माचिस शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘मैच’ शब्द से आया है, जिसका अर्थ है ‘प्रकाश या दीपक की नोक’। माचिस का उपयोग कई कार्यों में किया जा सकता है| जैसे:-

आमतौर पर माचिस का उपयोग आग जलाने के लिए किया जाता है। जैसे चूल्हा जलाना, मोमबत्ती जलाना आदि|
बच्चों के सुन्दर खिलोने बनाने में|
Art & Craft में|

Machis Se Bomb Kaise Banae

सामग्री:-

  • माचिस की तीलियाँ|
  • कागज|
  • Flash Powder|

विधि:-

  • सर्वप्रथम कुछ माचिस की तीलियाँ ले और उनके सिरे पर लगे बारूद को निकाल कर एक कागज में इकट्ठा कर ले|
  • अब जितना बारूद का भूसा है उतनी ही मात्रा में Flash Powder ले और दोनों को आपस में अच्छे से मिला ले|
  • अब एक कागज ले और उसे कोण के आकार में आकृति दे और उसमे बारूद और Flash Powder के मिश्रण को डाल दे|
  • अब एक कागज की पतली सी डंडी बनाए और उसे आधा कोण से बाहर निकालते हुए, उस कोण के रूप में बने कागज को अच्छे से गम लगाकर पैक कर दे( डंडी वाला कागज इस तरह से लगा होने चाहिये की उसका एक भाग कोण वाले कागज में रखे मिश्रण को Touch करे और दूसरा भाग बाहर हो जहाँ से उसे जलाया जा सके)|
  • माचिस से बना बम तैयार है| इसे जलाने के लिये वह कागज की डंडी जो बाहर निकली हुई है उसे माचिस या किसी अन्य चीज से जलाये वह पटाखे की तरह फुट जायेगा|

Machis Ki Dibbi Ki Gadi

माचिस की डिब्बी की गाड़ी कई तरीकों से बनाई जा सकती है| यहाँ पर एक तरीका प्रदर्शित है:-

गाड़ी बनाने के लिये निचे दिए गए Steps को Follow करें:-

  • सर्वप्रथम 9 माचिस के खाली डिब्बे ले और उन्हें आपस में इस तरह से चिपकाएँ की 3 डिब्बे Row में और 3 डिब्बे Column में दिखाई दे(चिपकाने पर इसका आकार एक Rectangle की तरह दिखाई देगा)|
  • अब पहली और तीसरे Row के पहले और तीसरे डिब्बे को कुछ इस तरह से काटे की उसमे चार पहिये लगाने की जगह हो जाये|
  • गाड़ी में पहिये लगाने के लिये कोई सीधा तार या कोई कठोर पतली दो डंडी ले और उन्हें इस तरह से लगाये की उनमे पहिये लगाये जा सके| ध्यान रखे की एक डंडी दो पहली कटी माचिसो के बिच लगाये तथा दुसरी डंडी को तीसरे नम्बर की दो कटी माचिसों के बीच|
  • अब अगर आपके पास खिलोने वाले 4 टायर हो तो उन्हें उन दोनों डंडियों के दोनों ओर लगा दे और अगर ऐसा नही है तो फिर Static गाड़ी बना ले इसके लिये 4 कोई भी समान ढक्कन ले, फिर उनके बीचों बीच एक छिद्र करें और उन्हें दोनों डंडियों के दोनों ओर लगा दे|
Machis – FAQs 
Machis Ki Khoj Kisne Ki

माचिस का आविष्कार जॉन वॉकर नाम के एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने की थी| यह आविष्कार 31 दिसंबर 1827 में किया गया था। जॉन वॉकर ने एक ऐसी  माचिस की तीली बनाई थी जिसे किसी भी खुरदरी जगह पर रगड़ने पर वह जल जाती थी।

माचिस की डिबिया पर क्या लगाया जाता है

माचिस की डिब्बी पर red phosphorus लगा होता है तथा माचिस की तिली पर मुख्य रूप से पोटेशियम क्लोरेट होता है| जब पोटेशियम क्लोरेट, लाल फास्फोरस से क्रिया करता है तो, इस रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप आग लगती है|

रासायनिक क्रिया:-
       16KClO3 + 3P4 S3 -> 16 KCl + 9SO2+ 3P4 O10

माचिस का रेट कितना है

माचिस बाजार में एक रुपये में एक मिलती है.

उम्मीद करते है आपको हमारी यह पोस्ट Machis Ka Avishkar Kisne Kiya और Machis Kaise Banti Hai पसंद आई होगी.

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